मिलिए इंदौर की चटोरी गली और दून के इन चटोरों से…

मिलिए इंदौर की चटोरी गली और दून के इन चटोरों से…
राकेश बिजल्वाण, वरिष्ठ पत्रकार
देहरादून। मध्य प्रदेश को देश का दिल कहा जाता है। इसकी वजह सिर्फ इसकी भौगोलिक स्थिति नहीं है बल्कि इसकी समृद्ध संस्कृति और इतिहास भी है। इन सबके साथ एक और कारण है जिसकी वजह से एमपी को देश का दिल माना जाता है और वो है यहां का जीवंत, स्वादिष्ट और अनोखा व्यंजन।दिन में जेवरों की चमक-धमक और रात में स्वादिष्ठ व्यंजनों की ख़ुशबू आपको लुभा ले तो समझिए आप इंदौर में हैं। शाम होते ही सराफा बाज़ार में खान-पान की दुकानें सजने लगती हैं जिनकी रौनक देर रात तक रहती है।
कभी नहीं भूलेंगे चटोरी गली का स्वादभुट्टे का कीस और गराड़ू का स्वाद मालवा की ही देन है। इनके अलावा सराफा में मालपुआ, 300 ग्राम वज़नी जलेबा, खोपरा पैटिस, रबड़ी-गुलाबजामुन, 10 तरह के फ्लेवर की पानीपूरी, कांजी वड़ा, दही बड़ा, पेठा, चॉकलेट और फायर पान शहर को मध्यभारत के खान-पान राजधानी बनाता है। पारम्परिक व्यंजनों के अलावा चाइनीज़ से लेकर दक्षिण भारतीय लज़ीज़ व्यंजन भी यहां मिलते हैं।एमपी के व्यंजन पड़ोसी राज्यों से काफी प्रभावित हैं जिसमें विशेष रूप से राजस्थान का नाम आता है क्योंकि राजस्थान का असर एमपी के कई व्यंजनों में देखा जा सकता है जैसे कि दाल बाफले जो कि दाल बाटी और चक्की की शाक का ही एक कॉम्बिनेशन है।
एमपी में ऐसे बहुत से स्वादिष्ट व्यंजन हैं जिनकी शुरुआत यहीं से हुई और जो सालों से फूड लवर्स को अपनी तरफ खींचते रहे हैं। लेकिन क्योंकि गोंड के आदिवासियों के अपने अलग शाकाहारी और मांसाहारी व्यंजन है जिससे लोग आज भी अंजान हैं, वो आपको मध्य प्रदेश के कुछ पॉपुलर फूड हब जैसे कि भोपाल, इंदौर, रतलाम और उज्जैन के मंदिर में मिल जाएंगे जिसमें आपको बहुत कुछ नया मिल सकता है।
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